जिला न्यायालय दुर्ग में प्लास्टिक मुक्त न्यायालय परिसर अभियान का शुभारंभ...
त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग

दुर्ग : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के माननीय मुख्य न्यायाधिपति  रमेश सिन्हा द्वारा राज्य भर में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और न्यायिक प्रशासन के उन्नयन हेतु किए जा रहे अनुकरणीय एवं दूरगामी प्रयासों से प्रेरित होकर जिला न्यायालय दुर्ग के कर्मचारियों ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है। कर्मचारियों ने स्वप्रेरणा और सामूहिक ज़िम्मेदारी की भावना से "प्लास्टिक मुक्त न्यायालय परिसर" अभियान का शुभारंभ किया।यह अभियान न केवल परिसर की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि यह जिला न्यायालय दुर्ग की पर्यावरण के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक के हानिकारक उपयोग को समाप्त करना और न्यायालय परिसर को एक स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ कार्यस्थल बनाना है। अभियान के दौरान न्यायालय परिसर  में  सभी अधिवक्ताओं, पक्षकारों, और कैंटीन संचालकों  को विशेष रूप से प्लास्टिक के एक बार उपयोग  से होने वाले गंभीर पर्यावरणीय खतरों के बारे में विस्तार से समझाया गया। सभी हितधारकों से प्लास्टिक के थैलों, कपों, पानी की बोतलों और पैकिंग सामग्री का उपयोग तत्काल बंद करने की भावनात्मक अपील की गई। उन्हें कपड़े के थैलों, स्टील या कांच के बर्तनों और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।न्यायालय के कर्मचारियों ने परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने और इस पहल को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की सामूहिक प्रतिज्ञा ली। कैंटीन संचालकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक से बने डिस्पोजेबल बर्तनों के स्थान पर केवल बायोडिग्रेडेबल या पुन: प्रयोज्य सामग्री का ही उपयोग करें।छ.ग. स्थापना दिवस के अवसर पर यह संकल्प लिया गया है कि यह अभियान एक सतत प्रक्रिया के रूप में जारी रहेगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। इस अभियान में  आर. के. ठाकुर, प्रमोद अचिन्त्य, पिलेश्वरी, नीलम पाण्डे, लुबना सिद्वकी, उषा साहू , मनोहर खडगी,  मिथलेश ठाकुर एवं अन्य कर्मचारियो का योगदान सराहनीय रहा।

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