26 सितंबर 2022
भिलाई : बीएसपी संचालित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा अनुसंधान केंद्र सेक्टर 9 में अब प्रत्येक शुक्रवार को दिल के मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। रायपुर के जिन तीन अस्पतालों से इसके लिए अनुबंध किया गया है, उन अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक प्रत्येक शुक्रवार को सेक्टर 9 अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। फिलहाल अस्पताल में इको और एंजियोग्राफी की सुविधा दी गई है। भविष्य में एंजियोप्लास्टी की सुविधा भी उपलब्ध कराने की तैयारी है।
2012 में तीन करोड़ की लागत से अस्पताल में कैथ लैब मशीन स्थापित किए जाने के बाद चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने की वजह से इमर्जेंसी केसेस को रेफर किए जा रहे थे। जिससे प्रबंधन पर हर महीने भारी भरकम राशि का भुगतान दूसरे अस्पतालों को करना पड़ रहा था।
इसे देखते हुए उच्च प्रबंधन ने अगस्त महीने में सेक्टर 9 अस्पताल के कैथ लैब को आउट सोर्स पर दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने रायपुर के तीन अस्पतालों से अनुबंध किया। जिसके बाद 16 सितंबर से अनुबंधित अस्पताल से हार्ट के मरीजों की जांच और इलाज के लिए प्रत्येक शुक्रवार को एक विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया है। प्रत्येक चिकित्सक 5 से 6 मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
फिलहाल लो लेवल पर शुरुआत, मरीज बढ़ने पर सुविधाएं भी बढ़ाएंगे
कैथ लैब को आउट सोर्स पर दिए जाने की प्रक्रिया को प्रबंधन ने फिलहाल लो लेवल से शुरू किया है। इसके तहत अस्पताल में वर्तमान में केवल इको व एंजियोग्राफी की सुविधा शुरू की गई है। इसमें भी केवल बीएसपी के नियमित कार्मिकों उनके परिवार के सदस्यों के साथ रिटायर कार्मिकों का ही ट्रीटमेंट किया जा रहा है। प्रबंधन की योजना भविष्य में एंजियोप्लास्टी भी शुरू करने की है, ताकि ट्विनसिटी के मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर इलाज मिल सके।
हर महीने रेफर पर होने वाले खर्च से भी अब बीएसपी प्रबंधन को मिलेगी राहत
अस्पताल में कार्डियोलाजी एक्सपर्ट नही होने की वजह से प्रबंधन को इमर्जेंसी केसेस दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ रहा था। इसके लिए मरीज के इलाज के साथ-साथ उनके और एक अटेंडेंट के आने-जाने व व ठहरने का खर्च प्रबंधन को वहन करना पड़ रहा था। इसमें हर महीने प्रबंधन की ओर से निजी अनुबंधित अस्पतालों को करीब 36 लाख भुगतान कर रहा था। नई सुविधा के शुरू होने के बाद इस खर्च से राहत मिल जाएगी। साथ ही मरीजाें को भी सुविधा होगी।
पहले दिल्ली से पहुंचते थे डॉक्टर, एक साथ इलाज के कारण थी परेशानी
इस सुविधा के शुरू होने के पहले बीते तीन साल से दिल्ली से एक कार्डियक एक्सपर्ट अस्पताल आता था। वह भी इलाज के लिए 15-20 मरीज के जमा होने पर। उसे प्रत्येक मरीज के हिसाब से प्रबंधन द्वारा भुगतान किया जा रहा था। लेकिन यह व्यवस्था कारगर साबित नहीं हुई। क्योंकि इमर्जेंसी केसेस प्रबंधन को रेफर ही करना पड़ रहा था। नई व्यवस्था में प्रबंधन उन्हीं अस्पताल में मरीज रेफर करेंगे जिनके चिकित्सक सेक्टर 9 अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं।
यहां कैथलेब पहले से, अब डॉक्टरों के आने से इसका भी मिलेगा लाभ
कार्डियक पेशेंट के खून के दौरा की जांच कर ट्रीटमेंट में कैथ लेब की मदद ली जाती है। जिसके बाद ही एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी पर फैसला होता। इस कार्य में मशीन को आपरेट करने के लिए कार्डियक सर्जन की आवश्यकता होती है। अस्पताल में बीते 10 वर्षों से समस्या थी।
हर शुक्रवार को सेवा शुरू कर दी गई है, स्थानीय डॉक्टर मिलने से सुविधा
अस्पताल के कैथ लैब को फिलहाल लो लेवल पर आउट सोर्स किया गया है। रायपुर के तीन अस्पताल के विशेषज्ञ अलग-अलग शुक्रवार को अस्पताल में सेवाएं दे रहे। अभी इको व एंजियोग्राफी शुरू की है। एंजियोप्लास्टी की योजना है।

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