मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था:
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19 नवम्बर 2022

मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अव्यवस्था से मरीज परेशान हो रहे हैं। हॉस्पिटल के दवा काउंटर में निर्धारित समय में एक ही फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगाई जा रही है। जो खुद के पास दवा की खुराक बताने का भी समय नहीं होने की बात कहते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स की लिखी पर्ची को देखकर मरीजों को सिर्फ दवा थमा कर जाने कह दिया जा रहा है। मरीजों को दवा के शेड्यूल के बारे में जानने के लिए हॉस्पिटल में भटकना पड़ रहा है।

जबकि यह जिम्मेदारी फार्मासिस्ट की ही होती है। दवा लेने के शेड्यूल तक को लिखकर नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में खासकर ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचने वाले मरीजों को अधिक परेशान होना पड़ता है। दवा के डोज की जानकारी लेने के लिए मरीज वापस ओपीडी में डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, जहां फिर से लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन ऐसी अव्यवस्था में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज के ओपीडी की क्षमता 700 मरीजों की है। इसमें औसत 500 मरीज पहुंचते ही है। जबकि दवा काउंटर में महज एक ही फार्मासिस्ट को बैठाकर औपचारिकता पूरा किया जा रहा है।

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