राजनांदगांव 14 मई 2022
चिटफंड कंपनियों सहित विभिन्न संस्थाओं में निवेशकों की जमा रकम की वापसी के लिए जिला प्रशासन की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में राजनांदगांव पुलिस की ओर से सहारा स्टार मल्टी पर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड एवं सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के चार डायरेक्टरों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के तत्काल बाद आरोपियों को राजनांदगांव जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायालय के आदेश पर चारों डायरेक्टरों को सीधे जेल भेज दिया गया है।
डायरेक्टरों की ओर से जमानत के लिए अर्जी भी लगाई गई थी पर न्यायालय ने इनके प्रकरण को गंभीर मानते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस की ओर से लंबे समय के बाद सहारा के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है। डायरेक्टरों की गिरफ्तारी की खबर के बाद निवेशक भी न्यायालय पहुंच गए थे। निवेशकों की ओर से कोर्ट में आवेदन देकर इन आरोपियों को राहत नहीं देने की गुहार लगाई थी। डायरेक्टरों के विरुद्ध 26 नवंबर 2021 में कोतवाली थाने में एफआईआर हुई थी।
चिटफंड कंपनी: गिरफ्तारी की जानकारी लगते ही निवेशक भी पहुंच गए थे कोर्ट
डिपॉजिट की अवधि आगे बढ़ाने का दबाव बनाया
इस शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने धारा 409 व धारा 3,4 इनामी चिटफंड व धन परिचालन अधिनियम का अपराध पाए जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया था। शिकायतकर्ता के आवेदन के आधार पर डायरेक्टरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया था कि फिक्स डिपॉजिट एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से लगभग 12 सौ से अधिक खातों में डिपॉजिट किया था। अवधि पूर्ण होने के बाद समय आगे बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा था।
15 करोड़ रुपए वापस करने दिया शपथ पत्र
लखनऊ उप्र जाकर सहारा इंडिया के सहयोगी कंपनी - सहारियन यूनिवर्सल मल्टिपरपस सोसायटी लिमिटेड के दो आरोपी डायरेक्टर लखनऊ निवासी मोहम्मद खालिद, शैलेश मोहन सहाय एवं सहारा क्यू-शॉप यूनिक प्रोडक्टश रेंज लिमिटेड के एक आरोपी डायरेक्टर लखनऊ निवासी प्रदीप कुमार और सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के आरोपी डायरेक्टर अलीगढ़ निवासी लालजी वर्मा को गिरफ्तार किया। निवेशकों को 15 करोड़ की राशि वापस करने शपथ पत्र दिया।
फंड आने पर राशि देंगे कहकर टालते जा रहे हैं
इसी तरह निवेशक शंकरपुर निवासी मुकेश कुमार देवांगन ने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के डायरेक्टरों के खिलाफ शिकायत की थी। पुलिस ने बताया कि उक्त निवेशक ने कुल 80 लाख रुपए विभिन्न योजनाओं के तहत जमा कराई थी। अवधि पूरी होने के बाद भी कंपनी की ओर से राशि नहीं लौटाई गई। कार्यालय में संपर्क करने पर यह कहकर टाल दे रहे थे कि फंड आने के बाद ही राशि जारी की जाएगी।
इसके लिए विशेष टीम गठित की गई थी: राय
सीएसपी गौरव राय ने बताया कि मामले में एफआईआर 2021 में हुआ था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाकर लखनऊ भेजा गया था। आरोपियों को सीधे न्यायालय में पेश किया गया। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर आरोपियों को जेल भेज दिया गया। सीएसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 409 व धारा 3,4 इनामी चिटफंड धन परिचालन अधिनियम के तहत अपराध दर्ज हुआ था।
जानिए, अब तक कितनी राशि लौटाई गई
प्रशासन की ओर से चिटफंड कंपनी से अब तक 17 हजार 691 निवेशकों को 12 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि लौटाई गई। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि चिटफंड कंपनी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है एवं निवेशकों को उनकी राशि वापस लौटाई जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत राजनांदगांव तहसील के ग्राम धनगांव स्थित 1.179 हेक्टेयर की भूमि का किसी भी तरीके से अंतरण पर रोक लगाते हुए इस संपत्ति के निक्षेपकों के हितों के संरक्षण के उद्देश्य से कुर्की कर प्रकरण जिला एवं सत्र न्यायाधीश को संदर्भित किया है।
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