राजनांदगांव 13 मई 2022
जंगल में इन दिनों तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण का कार्य चल रहा है। वहीं इस बीच मानपुर क्षेत्र के 13 गांव के ग्रामीणों ने वन विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी है। ग्रामीण तेंदूपत्ता की तोड़ाई कर रहे हैं पर फड़ में देने की बजाय यह कह रहे हैं कि तेंदूपत्ता की कीमत अब वे स्वयं तय करेंगे और सीधे व्यापारियों को बेचेंगे। सरकारी नीति का एक तरह से विरोध कर दिया गया है।
खबर मिलने पर वन विभाग के अफसर ग्रामीणों को समझा रहे हैं कि तेंदूपत्ता की खरीदी को लेकर सरकार की अपनी नीति है और इसी के आधार पर ही तेंदूपत्ता की खरीदी और नीलामी होगी। मानपुर क्षेत्र के ग्राम खेडेगांव, कमेली, चिखलाकसा, सहपाल, कांडे, खुरसेकला, खुरसेकला खुर्द, मेंढा, कोंडाल, दुगेल्ही सहित 13 गांवों में ग्रामीणों ने माहौल बना दिया है कि वे पेशा कानून के तहत जल, जंगल और जमीन पर अधिकार रखते हैं। इसलिए अब वे स्वयं की तेंदूपत्ता को सीधे व्यापारियों के पास अपनी कीमत पर बेंचेंगे।
समझाया जा रहा है: मानपुर क्षेत्र के डिप्टी रेंजर अयूब शेख ने बताया कि क्षेत्र के कुछ गांव के ग्रामीणों की ओर से तेंदूपत्ता का रेट खुद तय करने और व्यापारियों को बेचने की बातें कही जा रही है पर ग्रामीणों को समझाया गया है कि वे स्वयं नीति नहीं बना सकते। बल्कि सरकारी सिस्टम के तहत ही तेंदूपत्ता की बिक्री होगी। इसलिए ग्रामीणों को यह भी बताया गया है कि अगर पत्ता जमा नहीं करेंगे तो जब्ती भी की जाएगी।
अपने पास संग्रहित कर रहे
ग्रामीणों की ओर से पत्ते की तोड़ाई की जा रही है और अपने स्तर पर सुखा भी रहे हैं। पत्ते का बंडल बनाकर उसे अपने पास संग्रहित कर रहे हैं। जबकि समितियों के माध्यम से पत्ते की बिक्री करनी है। खबर मिलने पर वन विभाग के अफसरों ने इन गांवों में ग्रामीणों से संपर्क कर समझाया है कि तेंदूपत्ता की नीलामी हो चुकी है
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